रांची, जेएनएन। Nirbhaya Case Hanging निर्भया जिंदाबाद, भारत माता की जय के नारे साथ पूरा माहौल गूंज रहा है। दिल्ली के तिहाड़ जेल में बहुचर्चित 2012 निर्भया केस के चारों दोषी को शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दिए जाने के बाद चहुंओर न्याय की जीत के जयकारे लग रहे हैं। इस तरह के घिनौने कुकृत्य में सही इंसाफ पर रांचीवासियों ने संतोष जताया है। सात साल के बाद निर्भया केस में सुप्रीम कोर्ट में रात ढाई बजे फैसला आते ही रांची के चौराहे युवाओं और नौजवानों के ओज से दमकते रहे। सबने सुकून भरा फैसला बताते हुए लंबी सांसें लीं और एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाईं। सुबह फांसी दिए जाने के बाद चौक-चौराहों पर बड़ी संख्या में लोग निकले और फैसले पर खुशी जाहिर की। उधर तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने सभी चार दोषियों को फांसी दिए जाने के बाद उनकी मौत की पुष्टि की है। अब चारों दोषी विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह और पवन गुप्ता के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।लंबे इंतजार के बाद निर्भया के कातिलों को शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दिए जाने के बाद लोगों ने एक सुर से कहा कि इस फैसले से उनकी आत्मा को शांति मिलेगी। यह सही मायने में न्याय है। सभी लोगों ने दुष्कर्म के मामले में इसी तरह की न्याय की अपेक्षा तमाम अदालतों से रखी है। बता दें कि 20 मार्च, शुक्रवार को दिल्ली के बहुचर्चित निर्भया कांड के दोषियों को सात साल के लंबे इंतजार के बाद फांसी दी गई है। इनमें विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता और मुकेश सिंह शामिल हैं। इन्हें दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दी गई है।राष्ट्रपति के पास भी कई बार दया याचिकाएं लगाई गईं। लेकिन शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे इन चारों दोषियों को फांसी देकर ऐतिहासिक फैसला किया गया। जो हमारे देश भारत के इतिहास में दर्ज हो गया।राष्ट्रपति के पास भी कई बार दया याचिकाएं लगाई गईं। लेकिन शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे इन चारों दोषियों को फांसी देकर ऐतिहासिक फैसला किया गया। जो हमारे देश भारत के इतिहास में दर्ज हो गया।
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