. हैदराबाद: (Hyderabad) में शुक्रवार को एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) के नेतृत्व में हजारों लोगों ने हाथ में राष्ट्रीय ध्वज लेकर “तिरंगा रैली” निकाली. कई मुस्लिम समूहों वाले यूनाईटेड मुस्लिम एक्शन कमेटी (United Muslim Action Committee) द्वारा आयोजित इस रैली के समर्थन में चारमीनार के पास की दुकानें और कारोबारी संस्थान बंद रहे.
मीर आलम ईदगाह से तीन किमी चलकर शास्त्रीपुरम तक जाने वाली यह रैली दोपहर एक बजे शुरू हुई. तख्ती लेकर चल रहे प्रदर्शनकारियों ने “नहीं चलेगा नहीं चलेगा, सीएए नहीं चलेगा और हिंदुस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाए. नगर पुलिस ने शहर में पुख्ता इंतजाम किए और यातायात व्यवस्था भी संभाली.
असदुद्दीन ओवैसी ने पहले ही जनता से सीएए और एनआरसी पर अपना विरोध जताने के लिए रैली में भाग लेने की अपील की थी.
'सीएए से सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब होंगे'
वहीं तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन (Trimool Congress MP Derek O'brien) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार के फैसले काफी हद तक भेदभावपूर्ण रहे हैं और नोटबंदी की ही तरह संशोधित नागरिकता कानून (CAA) गरीबों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा.
ब्रायन यहां एक प्रमुख ‘‘लॉ स्कूल’’ में सीएए पर आयोजित परिचर्चा में भाग ले रहे थे. उन्होंने कहा कि नया नागरिकता कानून लागू करने के केंद्र के फैसले के कारण देश "गंभीर संकट" का सामना कर रहा है. उन्होंने दावा किया कि 2016 में नोटबंदी से गरीबों का काफी नुकसान हुआ था. सीएए, एनआरसी से भी गृहिणियां, छात्र, बैंकर, किसान, संक्षेप में सभी कोई प्रभावित होंगे. सर्वाधिक गरीब इन से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे.ब्रायन ने छात्रों से कानून के संबंध में संसद की संयुक्त प्रवर समिति की पूरी रिपोर्ट पढ़ने का आग्रह किया. राज्यसभा सदस्य ब्रायन ने कहा, ‘‘मैं 16 साल से सार्वजनिक जीवन में हूं. मैंने कभी ऐसा संकट नहीं देखा जो पिछले एक साल में हमारे सामने है.’’ उन्होंने सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर विरोध का नेतृत्व करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सराहना की.
'सीएए, एनआरसी और एनपीआर अलग नहीं'
उधर वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव (Sharad Yadav) ने कहा है कि संशोधित नागरिकता क़ानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) एक दूसरे से अलग नहीं बल्कि तीनों एक ही हैं.
यादव ने शुक्रवार को लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की यह दलील ग़लत है कि सीएए और एनआरसी अलग है. बिहार में सत्तारूढ़ जदयू से अलग हुये नेताओं ने पिछले साल लोजद का गठन किया था. नवगठित पार्टी के संरक्षक के रूप में यादव ने लोजद की प्रदेश इकाइयों से देश में मौजूदा विकट परिस्थितियों की सच्चाई को जनता तक ले जाने की अपील की.
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